मंगलवार, 11 सितंबर 2012

!! जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति हो !!


!! जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति हो !!



जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति हो श्रीमंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनन कामना पूर्ति जयदेव जयदेव
सिंदूर लाल चढायो अपने ही मनन का
सुन्दर लाल विराजे सूत गौरी शिव का

हाथ में है गूढ़ लड्डू प्रभु गजानन के
महिमा कहू तो कैसे, झुकाऊ सर पद सभी, जयदेव जयदेव
गणेशा तेरा रूप निराला
कोटि सूर्य का है तुझमें उजाला
लंबोदर पीतांबर तेरा क्या कहना
सरल सुन्द तुन्दत्री वक्र नैना, जयदेव जयदेव
सिंदूर रंजित हर अंग सुन्दर
मोतियाँ का माला चमके गले पर
हर गुण सपन्न ओ गौरी नंदन
तुझको भाये कुमकुम केसर चन्दन, जयदेव जयदेव
ग्यानी दानी तू है सिध्हिदाता
सबके लिए तेरा प्यार बरसता
तेरी लीला जग में है न्यारी
करता है तू मुसे की सवारी, जयदेव जयदेव
मनन की आँखें ढूंढे है तुझको
दे दो अब्ब तो दर्शन हमको
अपने सेवक के घर पे तू आना
संकट में हम सब की रक्षा तू करना, जयदेव जयदेव
सिंदूर लाल चढायो अपने ही मनन का
सुन्दर लाल विराजे सूत गौरी शिव का
हाथ में है गूढ़ लड्डू प्रभु गजानन के
महिमा कहू तो कैसे, झुकाऊ सर पद सभी, जयदेव जयदेव
जय जय श्री गजराज विद्या सुख दाता, हर विघ्न हरता
धन्य दर्शन तुम्हारा मेरा मनन रमता, जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति हो श्रीमंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनन कामना पूर्ति जयदेव जयदेव
 

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